
याद है..... जब सागर से मेरा पहला परिचय हुआ था
नहा कर लौटने के बाद लग रहा था जैसे मुझे नमक के घोल
में डुबोकर बाहर निकल लिया गया हो
वैसे गंगा से मेरा पुराना परिचय है .....गंगा शांत और मीठी है ..माँ जैसी
लेकिन सागर तो हमेशा क्रोध में ही दिखाई दिया ......
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